दिन भर की गर्दिश से थक कर लौट गया।
शाम हुई तो सूरज भी घर लौट गया।
चाँदी सी इक रात जमीं पर जब उतरी,
एक सुनहरे दिन का मंज़र लौट गया।
मैं कुछ लम्हे ख़ुद से बाहर निकला था,
कुछ देखा फिर फौरन भीतर लौट गया।
सुख जाने कब आया था दरवाजे पर,
"मैं आया था" पर्ची रखकर लौट गया।
इतना तो एहसान किया है सागर ने,
टूटी नावें वापस देकर लौट गया।
तट पर फैले देख घरौंदे बच्चों के,
हँस कर उल्टे पाँव समन्दर लौट गया
आया था तूफ़ान तबाही की ज़िद में,
तेरी जुल्फ़ों को सहला कर लौट गया।
पर्वत अपनी धौंस जमाने निकला था,
नन्हीं चींटी से टकरा कर लौट गया।
आधी दुनियाँ को मुट्ठी में लेकर भी,
आख़िर खाली हाथ सिकन्दर लौट गया।
मैंने ख़ुद ही जब अपना सर पेश किया,
दुश्मन के हाथों का पत्थर लौट गया।
मैं तो बस तेरे ख़्यालों में खोया था,
वाइज़ जाने क्या समझा कर लौट गया।
मंज़िल तक थोड़ी सी दूरी बाक़ी थी,
'अफशा' तू ही तो घबरा कर लौट गया।
दूसरी शायरी
जहाँ जा जिधर जा मुहब्बत अमर कर।
बता अब ज़रा तू हदों से गुज़र कर।
तु कितना सहेगा ज़रा तो शरम कर,
तु हस्ती बचा ले, अभी तो जिगर कर!
मिलेगा तुझे क्या इमाँ को गिरा कर,
इधर की न बातें कभी भी उधरकर।
न कोई लगी रोक तुम पर तभी तो,
ख़ुशी या हो ग़म तू, दिखा दे सँवर कर।
तु जी जाँ लगा जा, न डर अब किसीसे,
खिज़ां को हटा दे बहारें इधर कर।
हज़ारों तुझे दिन मिले ज़िन्दगी में,
उठा ले चुनौती लगे डर मगर कर।
ज़रा सोच लेना कटे किस तरह से,
बिता रात अपनी न डर बस सहर कर।
रखो सब्र गर तुम उजाला मिलेगा,
अँधेरा हटेगा डरे क्यों, पहर कर।
कदम वो रखे ज़िन्दगी में हमारे,
बिगाड़े कई तो ख़ुशी को ज़हर कर।
तीसरी शायरी
वो खिड़की वो दर्पण बागिचा वहीं है
दिवारों की नक्काशीयाँ भी सही हैं
बस थोड़ी मरम्मत नया रंग डालो
मौहब्बत की नीवें तो तन के खड़ीं हैं
वो पन्छी अभी भी वहीं गा रहे हैं
बस तेरी ही किलकारियों की कमीं है
ज़मीं में नमीं है नमीं में हमीं हैं
किताबों में अपनी कहानी बड़ी हैं
जहाँ पैर से तूने चावल गिराये
उस चौखट की लकड़ी भी कुछ कम नहीं हैं
हों रिश्ते या छत या के दिवारों दर हो
हिफाजत की चाहत तो सब में गड़ीं हैं
मैं रातों को सपनों में जाता वहाँ हूँ
वो जन्मों की पिछले निशानी धरीं हैं
वहाँ इक खजाना है ईश्कों का अब भी
वहाँ नथ भी तेरी पुरानी पड़ी है
जहाँ बज रहीं थी सारंगियाँ कल
वहाँ सीटीयाँ अब नयी बज रहीं हैं
किताबों को ज़िल्दों की खातिर ना छोड़ो
हर किरदार में इक कहानी नयी है
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Lazwab
ReplyDeletenice
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