आपको सभी तरह की शायरी, उर्दू - हिंदी भाषा में मिलेगा. नाआत शरीफ़, ग़ज़ल, मनकबत, हमद, और कई तरह की शायरी
शायरी, कविता का एक ऐसा रूप है जो हमारी भावनाओं को दूसरों तक तक पहुंचने में मदद करता है।
कई बार हम अपनी दर्द को किसी से बयां करने में सक्षम नहीं रहते और उस हालत में हम अपनी दर्द को शायरी के दरमियान दूसरों तक पहुंचाते हैं।
अगर आप शायरी, ग़ज़ल मनकबत हमद नाआत पढ़ने में दिलचस्प रखते हैं तो आप सही जगह पर आएं हैं।
आप ग़ुरबत न झेल पाएँगे
हम भी शोहरत न झेल पाएँगे
जानते थे ये लोग विरसे की
इतनी दौलत न झेल पाएँगे
हमको मालूम था ये छोटे लोग
इतनी इज़्ज़त न झेल पाएँगे
टोकना मत अमीर बच्चों को
ये हिदायत न झेल पाएँगे
ज़ालिमों से सुलूक अच्छा हो
ये महब्बत न झेल पाएँगे
ख़ुद को क़ारून मानते हैं जो
मेरी क़ीमत न झेल पाएंगे
ख़ुद को फ़िरऔन मानने वाले
इक बगावत न झेल पाएंगे
उनसे कह दो न सामने आएं
हम अयादत न झेल पाएंगे
जो ख़ुशामद पसन्द हैं साहिब
वो हक़ीक़त न झेल पाएँगे
ज़ुल्म सह लेंगे उनके खुश होकर
उनकी नफ़रत न झेल पाएँगे
चलिए अफशा बज़्म से उठिये
और ज़िल्लत न झेल पाएँगे
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