आप क्यों हैरान हैं, जो मर गए सो मर गए।
कौन सा भगवान हैं, जो मर गए सो मर गए।1।
देश में फैला ज़हर , परदेस में चल जाइये।
आपका सम्मान है जो मर गए सो मर गए।2।
आपदा में ढूँढ़ना अवसर , तरक़्क़ी क्यों नहीं।
क्या कोई आसान है जो मर गए सो मर गए।3।
देश-हित के नाम पर जो भी करो सब ठीक है।
आप ही तो शान हैं जो मर गए सो मर गए।4।
मुफ़लिसीको है मिटाना, मुफ़लिसों को मार दो।
फिर कहो इंसान हैं जो मर गए सो मर गए।5।
यूँ तमाशा मौतका क्या सबके बस की बात है।
आपका अहसान है जो मर गए सो मर गए।6।
कौन है दहलीज़ जिस पे मौत का मातम नहीं।
हर जगह शमशान है जो मर गए सो मर गए।7।
आप ही तो हैं बचाये हर बला से देश को।
आपका अभिमान है जो मर गए सो मर गए।8।
आपके आँसू तबाही का खुला ऐलान हैं।
लोग तो नादान है जो मर गए सो मर गए।9।
मौत हो दो-चार की तो मौत "ज़ख़्मी" मान लें।
भीड़ की पहचान है जो मर गए सो मर गए।10।
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Covid-19 poetry |
बहर
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन।
2122 2122 2122 212
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