अंधभक्तों और चमचों ने डुबाया देश देखो, देशहित के नाम पर बातें गरूरी कर रहा है।

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एक दिल की शायरी

अंधभक्तों और चमचों ने डुबाया देश देखो, देशहित के नाम पर बातें गरूरी कर रहा है।

आपको सभी तरह की शायरी, उर्दू - हिंदी  भाषा में मिलेगा. नाथ शरीफ़, ग़ज़ल, मनकबत, हमद, और कई तरह की शायरी

शायरी, कविता का एक ऐसा रूप है जो हमारी भावनाओं को दूसरों तक तक पहुंचने में मदद करता है।

कई बार हम अपनी दर्द को किसी  से बयां करने में सक्षम नहीं रहते और उस हालत में हम अपनी दर्द को शायरी के दरमियान दूसरों तक पहुंचाते हैं।

अगर आप शायरी, ग़ज़ल मनकबत हमद नाआत पढ़ने में दिलचस्प रखते हैं तो आप सही जगह पर आएं हैं।


आदमी से  आदमी  के  बीच  दूरी  कर रहा है।

मज़हबी  बातें  नहीं हैं  जो ज़रूरी  कर रहा है।


झूठ की मंडी सजी है  एक ना  सौ बार बोलो।

झूठ ही की बादशाहत  सच हजूरी कर रहा है।


माँगता है रौशनी की भीख सूरज जुगनुओं से।

कौन समझाए  कि बातें  बेशऊरी  कर रहा है।


एक हिटलर कर दिया बरबाद सारे जर्मनी को।

देश मेरा भी नकल  उसकी ही पूरी कर रहा है।


अंधभक्तों  और  चमचों  ने डुबाया  देश देखो।

देशहित  के नाम पर  बातें गरूरी  कर रहा है।


गिड़गिड़ा के रख दिया सर देख कदमों में तेरे वो।

बेटियों  का  बाप  है  शायद  मजूरी  कर  रहा है।


झूठ को भी दे दिया सच में नई पहचान तुमने।

है वही महफूज़ जो अब जी-हजूरी कर रहा है।


एक टक आँखें गढ़ाए  देखते हैं लोग "जख़्मी"।

एक  तू ही  तो यहाँ  बातें  काफ़ूरी  कर रहा है।





      :::::: बहर ::::::

फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन


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