ऐसे देखोगी फिर तो बहक जायेंगे लो अगर सांस तो भी भटक जायेंगे

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एक दिल की शायरी

ऐसे देखोगी फिर तो बहक जायेंगे लो अगर सांस तो भी भटक जायेंगे

आपको सभी तरह की शायरी, उर्दू - हिंदी  भाषा में मिलेगा. नाथ शरीफ़, ग़ज़ल, मनकबत, हमद, और कई तरह की शायरी

शायरी, कविता का एक ऐसा रूप है जो हमारी भावनाओं को दूसरों तक तक पहुंचने में मदद करता है।

कई बार हम अपनी दर्द को किसी  से बयां करने में सक्षम नहीं रहते और उस हालत में हम अपनी दर्द को शायरी के दरमियान दूसरों तक पहुंचाते हैं।

अगर आप शायरी, ग़ज़ल मनकबत हमद नाआत पढ़ने में दिलचस्प रखते हैं तो आप सही जगह पर आएं हैं।

                  गीत 
करते हैं तुमसे मुहब्बत 

करते हैं तुमसे मुहब्बत जो चाहे सजा दो
थोड़ा तो करीब आओ ऐसे तो न दगा दो
करते हैं तुमसे मुहब्बत जो चाहे सजा दो

समझो  मेरे  इशारे  समझो  मेरी मजबूरी
दुनिया  से  भी ज्यादा कई काम हैं जरूरी
बैठे  हैं  पलकें  बिछाये  जो चाहे सजा दो
थोड़ा तो करीब आओ ऐसे तो न  दगा  दो
करते  हैं  तुमसे  मुहब्बत जो चाहे सजा दो

बागों में  महके  गुंचे  भंवरों ने ली अंगडाई
कलियों ने आँखें  खोली मौसम पे रंगत आई
करते  हैं  तुमपे  इनायत जो चाहे सजा दो
थोड़ा तो करीब आओ  ऐसे  तो न दगा दो
करते हैं  तुमसे  मुहब्बत  जो चाहे सजा दो

बढ़ती जाती है धड़कन नग़में  गाती  है  हरदम
चंचल चंचल ये चितवन आ पास आ मेरे हमदम
करते  हैं  तुमसे  शिकायत जो चाहे सजा  दो
थोड़ा  तो  करीब आओ  ऐसे तो  न  दगा दो
करते  हैं  तुमसे  मुहब्बत  जो  चाहे  सजा दो

तुम प्यार करो या न भी हम तो वफ़ा करते हैं
इक़रार  करो  या न भी तुम पर मरा करते हैं
करते हैं  कब  से  इबादत  जो चाहे सजा दो
थोड़ा तो करीब  आओ ऐसे  तो  न  दगा  दो
करते हैं  तुमसे  मुहब्बत  जो  चाहे  सजा  दो

2nd poetry


ऐसे  देखोगी  फिर  तो  बहक जायेंगे

लो अगर  सांस  तो भी भटक जायेंगे


चाँदनी  में  नहायी  सी  लगती  अभी

पास आओ कि हम भी दमक जायेंगे


कर  रही   रक़्स  जो  गुनगुनाती  हुई

देखना  आज  हम  भी थिरक जायेंगे

अपनी  पलकें  भी  तो बंद करती नहीं

ख़्वाब आयेंगे  फिर  तो ठिठक जायेंगे


हैं जो छलकी सी आँखें   अभी ग़म में 

सह न  पायेंगे  हम  भी फफक जायेंगे

Red more

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