आपको सभी तरह की शायरी, उर्दू - हिंदी भाषा में मिलेगा. नाथ शरीफ़, ग़ज़ल, मनकबत, हमद, और कई तरह की शायरी
शायरी, कविता का एक ऐसा रूप है जो हमारी भावनाओं को दूसरों तक तक पहुंचने में मदद करता है।
कई बार हम अपनी दर्द को किसी से बयां करने में सक्षम नहीं रहते और उस हालत में हम अपनी दर्द को शायरी के दरमियान दूसरों तक पहुंचाते हैं।
अगर आप शायरी, ग़ज़ल मनकबत हमद नाआत पढ़ने में दिलचस्प रखते हैं तो आप सही जगह पर आएं हैं।
दोस्तों!! मेरी ये ग़ज़ल आपकी मुहब्बतों की नज़र॥
ग़ज़ल
संजीदगी से इश्क़ का सागर नहीं मिलता यहाँ |
आँखें खुली रखने से हीं मंज़र नहीं मिलता यहाँ॥
♦️ गंभीरता, दृश्य.
दीवानगी से हीं फ़क़त मुमकिन नहीं पाना उसे |
आवारगी से हीं फ़क़त दिलबर नहीं मिलता यहाँ॥
♦️ सिर्फ
हर शब जिसे मैने यहाँ मांगा ख़ुदा से बारहा |
हर सू जिसे ढ़ूंढ़ा वही पैकर नहीं मिलता यहाँ॥
♦️ रात, बार बार, हर दिशा, बदन
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Night |
भटके यहाँ हम उम्र भर एक रहनुमा की खोज में |
रस्तें बहुत हमको मिले रहबर नहीं मिलता यहाँ॥
👉 रास्ता बताने वाला
कुरबां करे ख़ुद को ख़ुदा की राह में तो हीं मिले |
सागर फ़क़त खंगाल के गौहर नहीं मिलता यहाँ॥
➧ कुरबान, मोती
पानी की हीं गर प्यास हो तो दरिया है काफ़ी यहाँ |
उस प्यास* के ख़ातिर कोई कौसर* नहीं मिलता यहाँ॥ ६
ख़ुदा की प्यास) (स्वर्ग का एक कुंड या हौज़
सजदा करूँ आख़िर कहाँ हर दर पे नफ़रत है यहाँ |
चौखट मिले हमको कयी मंदर* नहीं मिलता यहाँ॥ ७
𓉷 मंदिर
दिल में बसा लेता "अफशा" चेहरा किसी भी ग़ैर का |
कम-तर कयी उससे मिले बरतर नहीं मिलता यहाँ॥
💢 उससे कम, उससे बेहतर
1 Comments
Nice
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