गीत
तेरे गोरे-गोरे मुखड़े को देखकर
तेरे गोरे गोरे मुखड़े को देखकर मेरा दिल मचल जाता है
इन मखमल जैसे गालों को चूमकर मेरा दिल बहल जाता है
तेरे गोरे गोरे मुखड़े को देखकर मेरा दिल मचल जाता है
सरके सरके चुनरिया सर के,चमके चमके रे बिंदिया चमके
नज़दीक आ ख़्वाबों की रानी,बरसे बरसे रे प्रेम रंग बरसे
तेरे बिखरे बिखरे गेसू को देखकर,मेरा दिल मचल जाता है
इन मखमल जैसे गालों को चूमकर मेरा दिल-बहल जाता है
तेरे गोरे गोरे मुखड़े को देखकर मेरा दिल मचल जाता है
ऐसी कैसी बाबरिया है तू बन्द रखती किबड़िया है तू
गली गली में चर्चे हैं तेरे अरे कैसी गुजरिया है तू
तेरी महकी सांसों को देखकर, मेरा दिल मचल जाता है
इन मखमल जैसे गालों को चूमकर मेरा दिल-बहल जाता है
तेरे गोरे गोरे मुखड़े को देखकर मेरा दिल मचल जाता है
मन चंचल है चंदन काया तुझे कैसे ख़ुदा ने बनाया
लट उलझी समझ में न आये तुझे पाना है मुझको सवाया
तेरी ठंडी ठंडी आहों को देखकर, मेरा दिल-मचल जाता है
इन मखमल जैसे गालों को चूमकर मेरा दिल बहल जाता है
तेरे गोरे गोरे मुखड़े को देखकर मेरा दिल मचल जाता है
पलकों में बसा तुझको लूँगा आ तुझको नजर बन्द कर लूँ
तेरी चाहत में जीना है मुझको हर इरादा बुलन्द कर लूँ
तेरे चिकने शानों को देखकर, मेरा दिल-मचल जाता है
इन मखमल जैसे गालों को चूमकर मेरा दिल-बहल जाता है
तेरे गोरे-गोरे मुखड़े को देखकर मेरा दिल-मचल जाता है
2nd poetry
ऊँघती राहगुज़र के बारे में...
लोग पूछेंगे घर के बारे में...
मील के पत्थरों से पूछता हूँ,
अपने इक हमसफ़र के बारे में...
उँगलियों से लहू टपकता है,
क्या लिखें चाराग़र के बारे में...
एक सच्ची खबर सुनाता हूँ,
एक झूठी खबर के बारे में...
लाख मैं गुमशुदा सही लेकिन,
जानता हूँ खिजर के बारे में...
Dr. Rahat indori
0 Comments